SEO के 2 बड़े ज़रूरी हिस्से है On-page SEO और Off-page SEO पर हम आज बात करेंगे On-Page SEO की।
ये क्या होता है, ये क्यों ज़रूरी है और आप अपनी website के लिए इसे कैसे कर सकते है।
ये एक checklist होगी जिसके ज़रिए आप On-Page समझ पाएंगे और कर भी पाएंगे चाहे आप एक digital marketing student है या एक business website के owner है।
तो शुरू करते है on-page की कहानी
On-page SEO क्या है?
अगर आप जानते है कि SEO क्या है तो आपको पता होगा कि एक website में अलग-अलग तरह के pages होते है जिनकी intent भी अलग हो सकती है तो ऐसे में आप एक ही page को सारे keywords के लिए rank नहीं करा सकते।
Example के लिए आपकी website पर product या service pages भी होंगे और privacy policy का page भी होगा।
पर, business point of view से देखें तो आप सिर्फ product और service pages को ही rank कराने की कोशिश करोगे ताकि आपका business बढ़े पर आप privacy policy वाले page को rank नहीं कराओगे।
यानी हर web page की intent अलग होती है और ऐसे में आपको kisi specific web page को rank कराने के लिए search engines को समझाना पड़ता है कि आपका page किस बारे में है।
ये सब समझाने के लिए हम on-page seo techniques का इस्तेमाल करते है।
On-Page SEO क्यों ज़रूरी है?
हम जानते है कि अगर हमारा desired web page किसी अच्छे keyword पर Google के top 3 results में rank हो जाए तो हमारी website पर लाखों लोग आ सकते है या करोड़ो भी।
पर, Google पर किसी भी keyword पर आपका web page तभी rank करता है जब Google उसका content, context,relevance और intent को समझ पाए।
इसलिए On-Page से आप अपने page को बेहतर explain कर पाते हो search engines के लिए।
search engines के अलावा आपके users को भी on-page SEO के काफी फायदे होते है जिनमे से कुछ नीचे दिए गए है:
अच्छा Title, Description और URL:- सही और अच्छे title, description और URL एक user को SERP पर यकीन दिलाते है की वो जो ढूँढ रहा है उसे इस link पर click करने पर मिल जाएगा।
Images को समझ पाना:- कभी कभी server error या user का internet slow होने की वजह से images render (प्रस्तुत) नहीं होती ऐसे में अपनी images पर ALT tag लगाने से आप user को बता सकते है कि आपकी image किस बारे में है।
एक relevant page से दूसरे relevant page तक जाना:- आप internal linking या external linking करके अपने users को एक page से दूसरे relevant page पर भेज कर बेहतर experience दे सकते है।
Multimedia से आपका context जल्दी समझ पाना:- अपनी website में सिर्फ text लिखने से आप अपने users को ज़्यादा देर तक नहीं रोक सकते है ऐसे में multimedia का इस्तेमाल करके आप अपने web pages को और enhance कर सकते है और आपके users समझ पाते है की आप क्या कहना चाहते हो।
14 points ki on page SEO checklist
अगर आप इस checklist को follow करके implement करते है तो आप अपनी website में किसी भी page का on-page seo करके tension free हो सकते है।
तो चलिए on-page को आसान बनाएं।
1. keyword research
किसी भी web पर content लिखना ज़रूरी है पर अगर आप कुछ भी लिखेंगे तो शायद Google को आपके content में वो शब्द ना मिले जो लोग search कर रहे है।
ऐसे में Google आपका content आगे recommend नहीं करेगा यानी आपको organic traffic नहीं मिलने वाला।
इसलिए keyword research बहुत ज़रूरी होती है किसी website की ranking को बेहतर करने के लिए।
पर आखिर ये keyword research करते कैसे है?
इसके लिए आपको tripod rule इस्तेमाल करना होता है जिसमें ये 3 चीज़ें आती है:
- Keywords का Search Volume
- keyword का competition
- keyword का Intent/Relevance
Keywords का Search Volume
हर keyword का अपना एक search volume होता है यानी किसी शब्द को लोग एक महीने में search engines पर औसतन कितनी बार search करते है इसे कहते है keyword का search volume होना।
ये search volume हर महीने घट या बढ़ सकता है इसलिए इसकी average लेकर चलना बेहतर विकल्प रहता है।
साथ ही हर industry के हिसाब से keywords का search volume अलग होता है।
कुछ industries में किसी keyword का महीने का 500 search volume भी काफी होता है और कुछ industries में किसी keyword का लाखों में search volume होना भी कम है।
तो ये depend करता है आपकी niche क्या है और उसमे से profit कितना निकल सकता है।
keyword का competition
किसी keyword के competition का मतलब है की उस keyword के ऊपर same language में same content format में कितने content pieces internet पर uploaded है।
साथ ही उस content piece को बनाने वाली website या channel या page की authority कितनी है।
आसान शब्दों में समझें तो मान लीजिए मैं “Search Engine Optimization” keyword पर article लिखना चाहता हूँ तो मुझे पहले देखना पड़ेगा की इस keyword पर rank होने वाली website की authority कितनी है।
यानी वो search engines की नज़र में कितनी भरोसेमंद और पुरानी है।
साथ ही मुझे देखना पड़ेगा की same language जिसमे मैं article लिखना चाहता हूँ उस पर और कितनी websites articles लिख चुकी है।
ये सब जानने के बाद ही मुझे पता लगेगा की उस keyword पर article लिखना मेरे लिए फ़ायदेमंद है या नहीं।
ऐसे ही अगर मैं same keyword पर video बनाना चाहता हूँ तो मुझे देखना पड़ेगा की उस keyword पर कितनी videos बन चुकी है, कितनी videos same language में है और वो channel कितने famous है।
keyword का Intent
एक keyword का अपना intent होता है जिसे एक publisher या content creator के तौर पर आपके लिए समझना बहुत ज़रूरी है।
अगर हम keyword का intent समझ के strategically content लिखते है तो chances बढ़ जाते है की हमे search engines से targeted audience मिलेगी।
और जितनी targeted audience ज़्यादा मिलेगी उतने ही chances बढ़ जायेंगे profits के भी।
अब keyword intent 4 तरह के होते है और उसे समझने के लिए आप ये video देख सकते है।
Keyword Research कैसे करें?
अपने web page के लिए keyword ढूँढने का सबसे बढ़िया tool keyword planner है।
पर ये एक लम्बा process है और इसे समझने के लिए आप नीचे दी गयी video देख सकते हो।
2. Title
आपके web page का Title catchy होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि SERP में users आपके competitors के links पर नहीं बल्कि आपके link पर click करें इसके लिए Title एक बहुत बड़ा factor होता है।
पर आपको अपने web page का title कैसा रखना चाहिए?
हर website के nature और intent के हिसाब से Title लिखने का अंदाज़ बदल जाता है।
जैसे मान लीजिये एक Ecommerce store में उसके listed products के titles में आप buyers को attract करना चाहते हो और उन्हें बताना भी चाहते हो की वो product किस बारे में है।
ऐसे में आप targeted keyword डालने के साथ साथ click magnet जैसे “Buy”, “Free” जैसे words use करोगे ताकि search engines भी आपके product को समझे और लोग भी attract होकर link पर click करें।
यानी एक Title search engines और real users दोनों के लिए बहुत ज़रूरी है अगर आप अपनी website की visibility SERP पर बढ़ाना चाहते हो।
एक अच्छा Title कैसे लिखें?
चाहे आप एक blogger है या आपका एक Ecommece store है या आप कोई service बेचते है, आपको titles लिखने के लिए कुछ tricks पर ध्यान देना चाहिए जो कि असलियत में काम करती है।
ये tricks हर कोई नहीं बताता इसलिए इन्हे ध्यान से पढ़कर इस्तेमाल करियेगा आपको ज़रूर फायदा होगा।
तो एक अच्छा title लिखने के लिए आप ये सब कर सकते है:
- अपने Title को हमेशा 55 characters में ख़तम कर दीजिए।
- अपना main keyword Title की शुरुवात में रखने की कोशिश कीजिये।
- अपने Title में numbers या brackets ( ► {} ) का इस्तेमाल करने की कोशिश कीजिए।
- अपने product page के Title में click magnets (Free, Buy, New) इस्तेमाल कीजिये।
ये सब तरीके आपको अपने title को enhance करने में मदद करेंगे और आपके page CTR (click-through-rat) बढ़ाने में मदद करेंगे।
2. Description
Title के बाद On-Page SEO में दूसरी सबसे ज़रूरी चीज़ Description होती है। एक अच्छी और सही description आपके users को बताती है की उन्हें उस web page में क्या मिलने वाला है।
ऐसे में अगर आपकी description उनके intent से match करती है तो वो ज़रूर SERP पर आपके result (link) पर क्लिक करेंगें और website पर visit करेंगें।
यानी page की description का भी एक बड़ा हाथ होता है आपके organic traffic को बढ़ाने या घटाने में।
साथ ही search engines description के ज़रिए page को बेहतर समझ पाते है कि आखिर आपका web page किस बारे में है।
एक अच्छी Description कैसे लिखें?
इसमें में भी आपका web page चाहे educational intent से बना हो या transactional intent से उसका content कुछ भी हो अगर आप एक अच्छी description लिखने चाहते है तो उसके लिए कुछ simple tricks follow कर सकते है।
तो एक अच्छी description लिखने के लिए आप ये सब follow कर सकते है:
- अपने main keyword को description की शुरुवात में इस्तेमाल करें।
- सिर्फ वही लिखें जो user को click करने के बाद असली में मिलने वाला है।
- Description को छोटा रखें ताकि वो character limit cross करके hide ना हो।
ये सब तरीके आपको अच्छी description लिखने में मदद करेंगे जिससे आपका CTR और बेहतर हो पाएगा।
3. URL structure
Search engines content ढूंढने के लिए links को follow करते है और जैसा की आप जानते ही होंगे हर link unique होता है जिससे कि वो एक web page को unique बनाता है।
हर web page का URL (Uniform Resource Locator) unique होता है ऐसे में उसे जितना short और simple रखेंगे उतना ही search engines आपके web page को समझ पाएंगे और जल्दी crawl कर पाएंगे।
साथ ही real users के लिए simple URL रखना उन्हें एक तरह से बताता है की web page किस बारे में है और वो उस link पर click करके कहाँ जाने वाले है।
जो link real users और search engine crawlers के लिए समझने आसान होते है उन्हें user-friendly URLs कहते है।
User-Friendly URLs कैसे बनाएं?
हर website का site structure अलग होता है जिसकी वजह से URL structure अलग हो सकता है पर हम बात करेंगे एक blog की जो flat structure use करता हो।
Flat structure का मतलब होता है ऐसा structure जिसमे आप ज़्यादा categories या subcategories को define ना करते हुए सीधा अपने topic की head term को डालकर page create कर देते हो।
Example के लिए edmfeed जिसपर आप ये article पढ़ रहे है ये flat structure use कर रही है तो आपको मेरे articles के URLs simple इस format में मिलेंगे:
► domain/head-term
एक User-Friendly URL लिखने के लिए आप ये techniques इस्तेमाल कर सकते हो:
- URL को जितना हो सके छोटा रखें।
- अपने main keyword को URL में डालें।
- URL में एक से ज़्यादा शब्द होने पर Hyphen (-) से जोड़ें।
- Page में categories और subcategories को अलग करने के लिए slash (/) का इस्तमाल करें।
जितना आसान और छोटा URL आप बनाएँगे उतना ही search engines और real users के लिए आसान होगा उसे crawl करना और समझना।
पर हमेशा याद रखें की Google Dynamic URLs को भी अच्छे से crawl कर सकता है। यहाँ तक कि parametric URL जो Amazon use करता है ऐसे URLs को भी Google अच्छे से crawl कर सकता है।
4. Header Tags
आपके content को headings और subheadings देने से एक तो user के लिए उसे समझना आसान हो जाता है जिससे वो ज़्यादा time आपके content को read करने में बिता देता है।
दूसरा Search engine crawlers समझ पाते है की आपके content में main part क्या है यानी कौनसा main topic है jisko आपने heading दी है और कौनसा topic कम important है जिसे आपने subheading दी है।
अब इन सभी headings और subheadings को देने के लिए आप header tags का इस्तेमाल करते हो जो HTML code होते है।
ये header tags पूरे 6 तरह के होते है और जैसे जैसे इनका number घटता है इनका priority level और size भी घटता है जैसे की आप नीचे image में देख सकते है।
कुछ लोगो का कहना होता है कि आपको multiple H2 का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए पर Google खुद कहता है कि आप अपने article में एक से ज़्यादा H2 इस्तेमाल कर सकते है क्योंकि Google सारी headings और subheadings को पढ़कर समझ सकता है।
तो हमेशा अपने web page के content में suitable Header tags का इस्तेमाल करें और Google को आपका content समझने में मदद करें।
साथ ही अपने focus keyword से related keywords को header tags में डालने से आपका content SEO-friendly हो जाता है।
5. Image Optimization
अपने content को और appealing बनाने और अपने users को कोई बात अच्छे से समझाने के लिए हम images भी इस्तेमाल करते है।
पर images भी आपके SEO पर affect डालती है और अगर आप अपनी images में alt tags डालते है तो इसके 3 फायदे होते है:
- आपकी images भी rank होती है और उनसे भी traffic आने के chances हो जाते है।
- search engines बेहतर समझ पाते है कि आपकी image किस बारे में है।
- अगर user का internet slow हो और image load ना हो तो alt tag पढ़कर वो समझ जाता है कि image किस बारे में है।
Image Optimization कैसे करें?
अपनी Images optimize करने के लिए आप बस simple rule इस्तेमाल करें कि जिस बारे में भी आपकी image है उसे alt tag के ज़रिए honestly explain कर दीजिए।
दूसरा है कि अपनी images का size कम रखने की कोशिश करें पर size इतना ही कम करें की उस image की quality sacrifice ना हो।
अगर आप wordpress user है तो आप इस काम के लिए EWWW Image Optimizer plugin का इस्तेमाल कर सकते है।
साथ ही ज़्यादा images add करने से आपकी site speed slow हो सकती है जिससे आपके technical SEO पर effect पड़ता है।
इसलिए अपनी website speed maintain रखने के लिए आप cloudflare जैसे free CDN (content delivery network) का इस्तेमाल कर सकते है।
6. Page Speed
कुछ web pages किसी user को spcecially convert करने के लिए design किये जाते है और ऐसे pages को landing page भी कहते है।
ऐसे pages को light weight रखा जाता है ताकि इनकी loading speed fast हो और user जल्दी से जल्दी कोई product या service तक पहुँच सके।
ऐसे ही हर web page के content और intent के हिसाब से उसकी speed कम या ज़्यादा हो सकती है पर आप अपने web developer से consult करके किसी special page की speed बढ़वा सकते है।
अच्छी speed वाले pages को Google ranking में थोड़ा ज़्यादा boost देता है।
अगर आप अपनी site पर किसी particular page की speed check करना चाहते है तो Google के official tool page speed insights से कर सकते है।
साथ ही अगर आप एक blog start करने की सोच रहे है और future में speed issue face नहीं करना चाहते तो आप blogging के लिए best theme Generate Press का इस्तेमाल ज़रूर करें।
7. Content Quality
अब बात आती है आपके web page के content की जिसमे सिर्फ text-based content नहीं होता बल्कि सारे electronic content format आते है जैसे images, videos, files, आदि।
तो जो भी आपके page का intent है उसके हिसाब से content बनाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे users और crawlers को आपका content समझने में आसानी हो।
इसे आसानी से समझने के लिए मैने इसे 6 हिस्सों में बाँटा है जिससे आप content quality को अच्छे से समझ पाएँ।
तो ये 6 हिस्से ये है:
- Keyword Density
- Keyword Stuffing
- Keyword Synonyms
- Content Readability
- Multimedia
- Clickable Elements
अब इन्हे अच्छे से समझते है की आखिर इन सबका मतलब क्या है और आपको इन्हे कैसे इस्तेमाल करना है।
Keyword Density
मान लीजिए आपके content के किसी paragraph में 100 words है तो एक estimate जो बताया जाता है वो होता है कि आप 100 words में एक keyword को 2 या 3 से ज़्यादा बार repeat ना करें यानी keyword density 2% रखें।
तो आसान शब्दों में कहें तो आपके 100 words में किसी एक keyword को कितनी बार इस्तेमाल किया गया है इसे keyword density कहते है।
वैसे तो आपको ये आम सुनने में मिल जाएगा की keyword density 2% से 3% ही होनी चाहिए पर मेरे हिसाब से कोई भी writer content लिखते time ऐसे नहीं सोचता कि उसे कोई keyword 2 बार ही इस्तेमाल करना है।
तो इसका simple सा rule जो मैं इस्तेमाल करता हूँ वो ये है कि आप content को natural tone में लिखिये अपने आप उसमे keyword की density perfect होगी।
और 2 या 3 से ज़्यादा बार आपको keyword repeat करने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी और अगर हो भी जाए तो आपका content कोई useless नहीं हो जाएगा जो Google को पसंद ना आए।
Keyword Stuffing
अपने content में keywords डालने का simple सा motive होता है कि जो लोग search कर रहे है उस related content आप उन्हें दे सकें और search engines उसे पहचान पाएँ इसलिए हम keywords का इस्तेमाल करते है।
पर सोचिये अगर हम सिर्फ keywords ही डालते रहे और content में कुछ भी ना दें तो इसका मतलब क्या होगा?
इसका मतलब होगा की हम search engines को cheat करके बस लोगो को अपनी website पर लाना चाहते है और इस बात को Google अच्छे से समझता है इसलिए वो इसे Keyword stuffing कहता है।
किसी भी keyword या बहुत सारे keywords को अपने content में stuff करना यानी भरते जाना content की quality बिलकुल खराब कर देता है इसलिए keyword stuffing ना करते हुए अपना content natural tone में लिखे।
अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपकी content quality ना होने की वजह से Google आपका web page rank नहीं करने वाला।
Keyword Synonyms
जैसे हर शब्द का एक synonym (प्रायवाची) होता है उसी तरह content में keywords के भी synonyms होते है जिन्हे आपको अपने content में इस्तेमाल करना चाहिए।
आपके keywords के synonyms आप Google से ढूँढ सकते है। इससे आपका content और authentic और in-depth लगता है जिसकी वजह से Google की नज़र में उस content की quality बढ़ जाती है।
Readability
आपका content जितना भी अच्छा हो पर अगर वो human eyes को irritate करता है यानी उसे पढ़ने में परेशानी होती है तो उसे poor readability कहते है।
Example के लिए ये देखिये font छोटा होने की वजह से पढ़ने में कितनी मुश्किल पैदा कर रहा है।
ऐसी readability आपके readers को irritate कर देगी जिससे वो आपके web page से exit कर जायेंगे तो इससे आपका Bounce Rate, Dwell Time, Session Duration जैसे important metrics खराब हो जाएंगे और ranking भी खराब हो जाएगी।
इसलिए अपने text-based content का font बड़ा और readable रखें ताकि users को कोई परेशानी ना हो।
Multimedia
अपने content को और appealing बनाने के लिए multimedia का इस्तेमाल करना ज़रूरी होता है क्योंकि इससे user ये आसानी से समझ पाता है कि हम क्या कहना चाहते है।
इसलिए images, infographics, podcasts, videos का इस्तेमाल ज़रूर करें ताकि आपके users आपके content को अच्छे से समझ पाएँ और ज़्यादा time आपके content पर बिता पाएँ।
Clickable Elements
Call-to-action और दूसरे clickable elements profit purpose के लिए बहुत ज़रूरी होते है पर कभी-कभी ये आपके SEO पर गलत effect डालते है।
अगर आप बहुत छोटे और बहुत जुड़े हुए clickable elements लगाओगे तो ये आपके users को irritate कर सकता है इससे आपकी converion rate तो गिरेगी ही साथ ही ये आपको mobile usability issue भी देगा।
इसलिए Google का कहना है कि अपने clickable buttons को बड़ा और clear रखें और content और दूसरे clickable elements के साथ gap रखें।
अपनी site के mobile-usability check करने के लिए आप अपने Google search console में check कर सकते है।
8. Voice Search
Technology बदलने के साथ लोगो का internet पर content search करने का तरीका भी बदल रहा है।
लोग type करके search करने कि बजाए अब voice assistants जैसे Google Home, Amazon Alexa को voice commands देकर search करना पसंद करते है।
इसलिए आपको अपना content लिखते time इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि आपके content voice searches के लिए भी friendly हो।
इसके लिए आपको कुछ अलग करने की ज़रूरत नहीं है बल्कि अपने content को natural tone में लिखिये जैसे आप बोलते है इससे आपका content अपने आप voice search friendly हो जाएगा।
9. Mobile-Friendliness
Google के 50% से भी ज़्यादा searches mobile से होते है ऐसे में Google उन्ही websites को ranking में boost देता है जो mobile-friendly होती है।
एक mobile-friendly website mobile पर जल्दी load होती है, उसका content जल्दी और अच्छे से read हो सकता है, और उसके clickable elements hotch potch (पास पास) नहीं करते।
अगर आप अपनी website की mobile-friendliness check करना चाहते है तो आप Google के tool से check कर सकते है।
इस tool के ज़रिए आप अपने developer की मदद से issues fix कर सकते है और अगर आपकी website wordpress जैसे platform पर है तो एक AMP for WP – Accelerated Mobile Pages plugin डालकर आप अपने page को mobile-friendly बना सकते है।
10. Optimize For CTR
हमारे कुछ web pages ऐसे होते है जिसपर ज़्यादा traffic लाना हमारे लिए ज़रूरी होता है क्योंकि उन pages से हमे ज़्यादा profit होता है।
ऐसे में अपने search result को CTR के लिए optimize करना बेहतर option रहता है क्योंकि अच्छा CTR होने पर Google आपको SERP में promote करता है जिससे आपका traffic बढ़ जाता है।
CTR बेहतर करने के लिए आप अपने Title और Description को optimize कीजिए। ये आप उन pages के लिए करके जल्दी results देख पाएंगे जो पहले से ही search engines में अच्छा perform करके आपको traffic दे रहे है।
आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि इससे आपकी ranking नहीं गिरेगी बस अपना main keyword title और description में ज़रूर रखिये पर और बेहतर लिखने की कोशिश कीजिए कि लोग उस पर क्लिक करें।
जैसे एक eCommerce store के listed products के title में आप click magnets use कर सकते है जैसे की Free, Buy, New आदि।
इससे लोगो के click करने के chances बढ़ जाते है और आपके organic traffic और ranking के भी।
11. Schema Data
Search engine crawlers अभी भी content को पूरी तरह से समझने में perfect नहीं है इसलिए उनकी मदद करने में एक सबसे अच्छा तरीका है अपने web pages में Schema Data add करना।
ये एक तरह का HTML code होता है जो crawlers को ये बताता है कि एक web page किस बारे में है।
Example के लिए अगर आप Google पर search करते हो कि आपके आस पास best restaurant कौनसा है तो Google आपको results दिखायेगा और उनकी rating भी दिखायेगा तो वो rating वाला option schema data की वजह से ही आता है।
ऐसे ही एक magazine के बारे में search करने पर आपको उसके writer का नाम, magazine का नाम जैसी चीज़ें rich-snippets में देखने को मिल जाएंगी।
Rich-snippets या rich results वो होते है जो आपकी website या किसी एक web page की look को search engine result page पर enhance करके दिखाते है example के लिए आप नीचे image देख सकते है।
अगर आपको जानना है की schema data कैसे बनाते है और अपनी website में कैसे add करते है तो आप technical SEO वाले blog पर जाकर structure data वाले point के बारे में पढ़ सकते हो।
12. Internal Linking
कुछ topics इतने बड़े होते है की हमे उन्हें explain करने के लिए dedicately नया page बनाना पड़ता है या फिर कुछ topics आपस में related होते है पर उन्हें अच्छे से समझाने के लिए हमे उनके 2 अलग pages बनाने पड़ते है।
ऐसे में अपने user को अपनी ही website पर एक useful page से दूसरे page तक भेजने को internal linking कहते है।
On-page SEO में इसका बहुत अच्छा response आता है। अगर आपका एक page भी SERP (search engine result page) पर अच्छा perform कर रहा है तो आप उसके ज़रिए अपने बाकी pages पर भी authority pass करवा सकते है।
strategically internal linking करने पर आप काफी pages की ranking improve कर सकते है इसलिए अपने अच्छा perform करने वाले pages की internal linking दूसरे pages से ज़रूर करें।
अपने अच्छा perform करने वाले pages देखने के लिए आप अपने search console में performance पर click करें और नीचे थोड़ा scroll करके pages वाले tab पर जाएँ।
13. External Linking
ऐसे topics भी होते है जिसपर पहले से ही किसी ने हमसे बेहतर content लिख दिया और जिस topic पर हम लिख रहे हों वो उस topic से related हो ऐसे में उस source को अपने content में link करके अपने users को value provide करने को external linking कहते है।
इसका मकसद अपने users को best content provide करना होता है और ऐसा करने पर Google का भी आपकी website पर trust बढ़ता है क्योंकि आप best sources को अपने content में link करते हो।
साथ ही आपके users का भी आपकी website पर trust बढ़ता है जिससे वो returning visitor बनने लगते है और उससे आपकी site का loyalty rate बढ़ने लगता है जिससे आपकी ranking भी बेहतर होती है।
14. User Experience
2020 में और आगे आने वाले सालों में भी जो सबसे ज़रूरी चीज़ है SEO की User Experience जो आप अपनी website पर user को देते हो।
चाहे आप अपने user को कोई offer provide करते हो या service या कोई file download के लिए provide कराते हो उसमे अगर आपके user का experience अच्छा नहीं मिल रहा तो वो दोबारा आपकी website पर नही आएगा।
ऐसे में Google को signal मिलता है कि लोग आपकी website पर नही टिक रहे और दोबारा returning visitor भी नही बन रहे तो ऐसे में आपका rank होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है।
इसलिए अपने user को best से best experience दीजिए और जल्दी जल्दी content provide करके उसकी journey छोटी कीजिए ताकि कम time में आपका user आपके content को consume कर पाए।
निष्कर्ष
ये सारे points आपको आपकी website का On-Page SEO करने और उसे enhance करने में मदद करेंगे।
ये सब करने से आपका organic traffic definitely improve होगा।
अब आपकी बारी है आपको इन सब में से कौनसा point सबसे ज़्यादा अच्छा लगा comment करके ज़रूर बताएं!