अगर आप भी SEO क्या होता है इसका जवाब ढूँढ रहे है तो यकीन मानिये ये blog पढ़ने के बाद आपको SEO इतने अच्छे से समझ आ जायेगा की आप आगे 4 दोस्तों को खुद से बता पाएंगे।

SEO या Search engine optimization एक बहुत बड़ा topic है जिसे मैने बहुत छोटा करके आपके सामने प्रस्तुत किया है वो भी आसान शब्दों में examples के साथ।

तो आइए आज इस SEO की गहराई में चलते है वो भी एक साथ।

SEO क्या है? 

SEO यानी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का आसान सा मतलब है अपनी website में कुछ ऐसे बदलाव करना जिससे वो search engines की नज़र में भी आ जाए और search engines को वो website हर तरह से ठीक भी लगे।

अब search engines यानी Google, Yahoo, bing, आदि में जब हम कोई keyword (शब्द) enter करते है तो ये उसी second लाखों results लाकर दिखाते है।

हर लिंक में कुछ content (सामग्री) होती है जैसे article, images, videos, files, applications, podcasts आदि|

कभी आपने सोचा कि Google या दूसरे search engines इन सभी content pieces को किस आधार पर बाँट कर ranking (श्रेणी) देते है।

नहीं?

असल में हर website के SEO के आधार पर उसके content को Google या दूसरे search engines rank करते है, इसी को SEO कहा जाता है।

यानी SEO को कम शब्दों में व्यक्त करें तो इसका मतलब है कि जब कोई internet user किसी search engine पर कुछ भी search करता है जैसे मान लीजिए shoes, तो सबसे पहले आपकी website का shoes दिखे इसे ही कहते है rankings जो कि SEO से मिलती है।

organic results for shoes
organic results for shoes

अब SEO में कई तरह की practices (प्रथाओं) का इस्तेमाल होता है जिनका ज़िक्र आपको इस ब्लॉग में आगे देखने को मिलेगा।

SEO ज़रूरी क्यों है?

अगर आप जानते है की डिजिटल मार्केटिंग क्या है तो आपको ज़रूर पता होगा कि डिजिटल मार्केटिंग में बहुत से तरीके है अपनी वेबसाइट के लिए traffic generate करने के।

और डिजिटल मार्कटिंग में ही SEO एक ऐसा तरीका है जिससे आप एक लम्बे समय तक traffic generate कर सकते है।

और क्योंकि ये traffic या internet users सीधा search engines से search करके आपकी वेबसाइट पर आते है इसलिए ये आपकी वेबसाइट पर भरोसा भी करते है क्योंकि search engines ने आपको पहले number पर जो दिखाया।

यानी SEO की मदद से आप हज़ारों या लाखों targeted customers (लक्षित उपभोक्ताओं) को हर महीने अपनी वेबसाइट पर ला सकते है जिसे organic traffic भी कहा जाता है।

ये आपकी online ruputation बढ़ाने के साथ साथ आपका business बढ़ाने में भी लाभदायक है| इसलिए SEO business growth के लिए तो बहुत ही ज़रूरी है।

business growth for seo

Search Engines कैसे काम करते है?

सर्च इंजिन्स का काम है दुनियाभर में upload होने वाले content pieces (सामग्री टुकड़ो) को ढूंढना, समझना और अपने database में save कर लेना ठीक उसी तरह जैसे हम अपने mobile या computer में photos, songs, movies आदि save रखते है।

जब सर्च इंजिन्स पर कोई कुछ सर्च करता है तो फिर Google या दूसरे सर्च इंजिन्स अपने database से उस keyword (जो किसी ने सर्च किया है) से जुड़े सबसे best content pieces को लाकर दिखाता है।

अब सर्च इंजिन्स 3 हिस्सों में काम करते है:-

Crawling:- Search Engines एक program के ज़रिए दुनियाभर में content pieces को ढूँढ़ते है| ये content pieces photos, videos, articles, PDFs, आदि हो सकते है।

ये program  को crawlers, spiders या bots कहा जाता है और इस पूरे process को crawling कहा जाता है! crawlers सभी content pieces को लिंक्स के ज़रिए ढूँढ़ते है।

Indexing:- Content Pieces को ढूंढने के बाद search engines उन्हें अपने database में store करते है जिसे indexing कहा जाता है।

Ranking:- अब बारी आती है content pieces को उनकी quality और relevance के according rank देने की।

search engines ranking factors के हिसाब से जो सबसे बेहतर website होती है उसे ही सबसे ऊपर रखते है और बाकी websites को quality के हिसाब से उनके नीचे।

google ranking

SEO कितनी तरह का है और उन्हें करने के तरीके क्या है।

1. On-Page SEO क्या है?

अपनी website के हर एक page पर जाकर उसके content और Html coding में कुछ ऐसे changes करना जिससे वो page search engines में ज़्यादा बेहतर ranking ले पाए इसे ही on-page SEO कहते है।

इसमें आप अपनी website के हर page को और अच्छे से define करते हो ताकि वो search engines को आसानी से समझ आ जाए और साथ ही आपके users जो keywords के ज़रिए आपकी website पर आएं उन्हें बिलकुल सही content मिले।

जब लोगो को उनके सवाल का सही जवाब मिलेगा और वो आपकी website पर ज़्यादा समय बिताएंगे तो Google जैसा search engine कुछ metrics के ज़रिए जैसे bounce rate, dwell time, आदि से पहचान लेता है की लोगो को आपका content पसंद आ रहा है।

ऐसे में Google आपकी ranking को SERP (search engine result page) में बेहतर करता चला जाता है| रैंकिंग बढ़ने के साथ आपकी website पर traffic भी बढ़ने लगता है।

On-Page SEO के तरीके।

on-page SEO में बहुत तरीके है जिन पर मैं एक पूरा article लिखूंगा पर जो बहुत ज़रूरी और आम तरीके है जो हर website owner या blogger को करने चाहिए वो नीचे listed है:- 

कीवर्ड रिसर्च (keyword research):- Keyword research का मतलब है ऐसे keywords (शब्दों) को ढूंढना जिन्हे search करके लोग Google या दूसरे search engines पर अपने सवालों का जवाब ढूँढ रहे हो, कोई Product ढूँढ रहें हो, या कोई service ढूँढ रहे हों।

हर Industry के हिसाब से अलग अलग keywords होते है और हर keyword का अपना search volume (एक महीने में होने वाले searches) होता है।

Keyword research पर ही पूरा SEO टिका हुआ है| अगर आप keywords सही से ढूँढ लेते हैं तो समझिये आपका आधा SEO तो हो गया।

Keyword research कैसे करते है अगर आप नहीं जानते तो आप नीचे दी गयी वीडियो देख सकते है।

टाइटल (Title):- किसी भी web page का title (शीर्षक) search engines और real online users को ये  बताता है की वो web page किस बारे में है|  इसलिए हर web page का title साफ़ और समझने में आसान होना चाहिए।

साथ ही आपका main keyword जिसके बारे में आपने पूरे web page में बताया है उस keyword को title में इस्तेमाल करना ज़रूरी होता है तभी Google उसे समझ कर आगे लोगो को दिखा पाता है।

जैसे कि ये article जो आप पढ़ रहे है इसमें मैंने आपको “SEO क्या है?” इसी के बारे में बताया है और TItle में भी आपके यही keyword मिलेगा।

seo kya hai?

डिस्क्रिप्शन (Description):-  Title के बाद जो दूसरी चीज़ SERP (search engine result page) पर दिखाई जाती है और जिसे search engines पढ़के आपके content को और समझते है वो description ही है।

जिस बारे में भी आपका web page है उसे छोटा करके बस description में explain कर दें और main keyword का इस्तेमाल ज़रूर करें ताकि Google समझ जाए की आपके TItle और Description में एक ही keyword है तो आप उसी topic के बारे में लिख रहे है।

इस SEO वाले article की description में भी मैने “SEO क्या है” इस keyword का इस्तेमाल किया है इस article की relevance (प्रासंगिकता) बढ़ाने के लिए।

description tag

हैडर टैग्स (Header tags):- हैडर टैग्स 6 तरह के होते है| ये टैग्स Html tags होते है जो एक हैडिंग को उसके size और उसकी importance के हिसाब से Google या दूसरे search engines को बताते है।

H1, H2, H3, H4, H5, H6 tags को आप अपने article में important हैडलाइन के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते है| बेहतर समझने क लिए नीचे दी गयी तस्वीर देखें

header tags

छोटे और आसान URLs (short and easy URLs):- हर web page का एक अलग URL होता है जिसे हम साधारण भाषा में link कह देते है।

जिस भी बारे में आपका web page है उस main keyword को आपने title और description मैं इस्तेमाल करने के बाद अपने URL में इस्तेमाल करना है।

उदाहरण के लिए इस article में मेरा main keyword है कि “SEO क्या है” इसलिए मैंने इसे अपने URL में इस्तेमाल किया है।

seo kya in URL

जैसे कि मेरा article हिंदी में है और मुझे इसका URL हिंदी में बनाने में परेशानी हो रही थी इसलिए मैने english font में हिंदी का इस्तेमाल किया और मज़े की बात ये है की Google इसे भी समझ सकता है।

इमेज ऑप्टिमाइजेशन (Image Optimization):- अपने article को खूबसूरत और आसान बनाने के लिए हमे तस्वीरों की ज़रूरत पड़ती ही है पर ये तस्वीरें हमारे web page की loading speed को धीरे कर सकती है।

इसलिए image optimization ज़रूरी हो जाती है जिसमे हम बिना quality घटाए images का size कम कर देते है और साथ ही इन images में alt tag डालते है जिससे Google को समझ आए की ये तस्वीर किस बारे में है।

यानी हम तस्वीरों को नाम भी देते है ताकि search engines उन्हें समझ पाए और उनका size भी compress करके छोटा कर देते है ताकि वो पूरे web page की speed slow ना करें।

2. Off-Page SEO क्या है?

कुछ websites की reputation search engines की नज़र में समय के साथ अच्छी हो जाती है| और जैसा की आप जानते है की search engine crawlers links के ज़रिए नया content ढूँढ़ पाते हैं।

जब एक बड़ी website एक छोटी वेबसाइट की तरफ एक link point करती है या उसे search engines को refer करती है तो इसे कहते है backlink देना।

हर election में वही आदमी नेता बनता है जिसे सबसे ज़्यादा वोट मिलते है| उसी तरह Google भी उसे ही number 1 rank देता है जिसके पास ज़्यादा votes हो यानी backlinks हो।

Backlinks भी 4 तरह के होते है जो कि नीचे दिए गए है:- 

  • Nofollow 
  • Dofollow 
  • User-Generated 
  • Sponsored 

असल में ये Html code होते है जो एक website owner इस्तेमाल कर सकता है जब वो किसी को backlink देता है| हर Html code वाले backlink की value भी Google की नज़र में अलग होती है।

अगर आप backlinks के बारे में और जानना चाहते है तो आप “Can We Get Backlinks From The Same Website Over And Over Again?” blog को पढ़ सकते हैं।

Off-page SEO में हम अपनी website के लिए backlinks बनाते है ताकि हमारी website की reputation भी search engines की नज़र में बेहतर हो जाए और हमारी भी ranking बेहतर हो जाए।

Off-Page SEO के तरीके! 

अब backlinks बनाने कई तरीके होते है यानी off-page SEO करने कई तरीके होते है पर कुछ जो सबसे ज़ादा website owners इस्तेमाल करते है उनमे से कुछ नीचे listed है:-

ब्लॉग सबमिशन (Blog Submission):- Blog submission का मतलब है की आप कुछ blog submission websites पर जाकर अपने blog को free में submit करते हो और बदले में आप वहाँ से एक backlink लेते हो।

Ezine Articles जैसी websites पर जाकर आप free में अपने blogs submit करके backlink ले सकते है।

इन्फोग्राफिक सबमिशन (Infographic submission):- Infographic submission sites भी आपको free में account बनाकर अपने बनाए Infographics submit करने की facility देती है।

इससे आपको backlink भी मिलता है और साथ ही नए users को आप अपनी website पर भी भेज सकते है| पर, ध्यान रखियेगा कि infographic submission sites से आप हज़ारों लोगो को तो बिलकुल भी अपनी website पर नहीं ला सकते।

क्योंकि इतना traffic वहां से generate ही नहीं होता| visual.ly जैसी websites पर आप infographic submit कर सकते है।

वीडियो सबमिशन (Video Submission):- Youtube, Instagram  जैसे बड़ी video submission sites पर जाकर आप free में videos submit कर सकते है और अपनी website के लिए backlink के लिए quality backlink ले सकते है।

पी डी ऍफ़ सबमिशन (PDF Submissions):- PDF submission sites जैसे issuu आपको अपने बनाए PDF submit करके अपनी website के लिए backlink लेने का मौका देती है।

गेस्ट पोस्टिंग (Guest Posting):- कुछ websites आपको एक guest की तरह आकर अपनी website पर article लिखने के लिए allow करती हैं।

इन websites की कुछ शर्तें होती हैं और इनके लिए लिखे article आप पूरे internet पर कहीं भी इस्तेमाल नहीं कर सकते है| ऐसी websites के लिए guest posting करके आप अपनी website के लिए high authority backlink ले सकते है।

3. Technical SEO क्या है?

Website में server और domain से जुड़े कुछ तकनीकी बदलाव करना जिनसे search engines को website के बारे में समझना आसान हो जाए और ranking बेहतर हो पाए इसे ही technical SEO कहते है।

ये बदलाव करने के लिए website developer की ज़रूरत पड़ सकती है क्योंकि ये इतने आसान नहीं होते| पर, अगर आपकी website CMS (content management system) जैसे platforms पर बनी है जैसे wordpress तो आपको technical SEO करने में आसानी होगी।

Technical SEO के तरीके।

Technical SEO एक बहुत बड़ा topic है और हर website के हिसाब से उसकी technical requirements अलग होती है।  

पर, जो हर website में ज़रूरी तकनीकी बदलाव के तरीके है जिनसे website का technical SEO बेहतर होगा ही होगा वो नीचे दिए गए है:- 

 वेबसाइट स्पीड (website speed):- आपकी वेबसाइट की रफ़्तार आपको search engines में अच्छी ranking दिलाती है और Google खुद अपने documents में लिखता है कि जल्दी load होने वाली websites को Google बेहतर ranking देता है खासकर mobiles पर जल्दी load होने वाली websites को।

इसलिए technical SEO में आपकी website की Javascript और CSS codes को minify (छोटा करना) और cache enable करके स्पीड बढ़ाना technical SEO का एक ज़रूरी तरीका है।

website speed

एस एस एल सर्टिफिकेट (SSL certificate):- SSL का मतलब होता है secure-socket-layer और इसका काम होता है आपकी वेबसाइट की files को आपके user के browser तक encrypted format में भेजना।

ये user के browser को safe रखने के लिए होता है और search engines के नज़रिये से ये आपकी website में होना ज़रूरी है वरना हो सकता है कि आपकी website की ranking drop हो जाए।

ये technical SEO का दूसरा ज़रूरी तरीका है।

रेडिरेक्शन (Redirection):-  आपकी website के 4 versions हो सकते है जो नीचे दिए गए है| इन सभी को Google आपकी website के अलग versions समझ कर आपका same content 4 जगह देख कर copied (नक़ल किया हुआ) समझता है।

ऐसे में आपको अपनी website को duplicate content problem से बचना होता है वरना Google आपकी rankings को split (विभाजित) कर सकता है।

ऐसे में आपको अपनी website के सारे versions को एक version पर redirect करना होता है ताकि Google समझ पाए कि original source एक ही है|  इसे करने के लिए SEO specialist 301 permanent redirection का इस्तेमाल करते है।

Robot.txt file:- Robot.txt file का काम होता है search engine crawlers को बताना कि वो आपकी website के किस page को crawl कर सकते है और किस page को नहीं| ये आपकी website पर crawlers के traffic को control करने के लिए भी होता है।

बेहतर समझने के लिए आप Google का official blog Introduction to robots.txt पढ़ सकते है।

हर crawler का अपना नाम होता है जैसे Google के crawlers का नाम होता है “Googlebot” और Bing  के crawlers का नाम “Bingbot” है।

तो इन सभी crawlers को crawling की command देने के लिए हम robot.txt file का इस्तेमाल करते है।

अगर ग़लती से आप किसी ranked page को block कर देते है तो Google सिर्फ तभी उसे ranked रख सकता है अगर उसका content अच्छा होने के साथ साथ उस web page के backlinks होंगे।

साइटमैप (Sitemap):- sitemap एक file होती है जो आपकी website की root directory में होती है| इसका काम होता है Google bots को बताना की आपके कौन से web pages सबसे ज़्यादा ज़रूरी है,  वो कौन कौन सी languages में है, उनमें क्या बदलाव आया है आदि।

इससे Google bots को आपकी वेबसाइट को और समझदारी से crawl करने में मदद मिलती है।

बेहतर समझने के लिए आप Google का official blog Learn about sitemaps पढ़ सकते है।

4. Local SEO क्या है? 

SEO  की मदद से आप पूरी दुनिया में अपनी website को दिखा सकते है पर कुछ businesses को international targeting नहीं करनी होती बल्कि local targeting करनी होती है।

जब हम SEO के ज़रिए local areas को target करते है तो इसे Local SEO कहते है।

Local SEO करने से आपका business तेज़ी से बढ़ता है क्योंकि Google छोटे और local businesses की बहुत मदद करता है।

Local SEO के तरीके! 

अगर आप Local SEO अपने local areas को target करने के कोशिश करते है तो इसके काफी तरीके है पर उनमें से कुछ नीचे दिए गए है:-  

लोकल लिस्टिंग (Local listing):- local listing sites आपको free में account बनाकर अपना business register करने की सुविधा देती है।

Google My Business जैसी business listing website आपको आपके local area में targeted customers तक पहुँचने में मदद करती हैं।

Google my business

लोकल साईटेशन्स (Local Citations):- local citations का मतलब होता है आपके business के name, address, phone number का दूसरी websites पर mention होना।

आसान भाषा में कहें तो आप इसे समझने के लिए backlinks कह सकते है| Backlinks आपकी website के किसी page की तरफ मिलने वाला दूसरी website से एक लिंक होता है।

उसी तरह जब कोई दूसरी website पर आपके business का naam, address, phone number mention होता है तो इससे citation कहते है।

रेवियुस (Reviews):- Reviews आपके business की online reputation management घटाने या बढ़ाने के साथ साथ local SEO में ख़ासा असर डालते है।

अपने business पर अच्छे reviews से आप अपने business को grow कर सकते है पर कुछ लोग local seo बेहतर करने के लिए fake reviews ख़रीद लेते है पर उसका क्या नुक्सान क्या है आप नीचे वीडियो में देख सकते है।

5. Ecommerce SEO क्या है? 

44% Online Shoppers अपना सफर Google search  से शुरू करते है क्योंकि वो सबसे ज़्यादा Google पर ही भरोसा करते है।

Ecommerce SEO का मतलब है अपने Ecommerce website में कुछ ऐसे बदलाव करना जिनसे Google या दूसरे search engines आपकी website और उसमे listed products को बेहतर समझ पाए और आपके products की ranking SERP (search engine result page) में बेहतर हो पाए।

इससे आपको अपनी website पर potential buyers मिलते है जो सच में आपका product खरीदने interested भी होते है और capable भी।

Ecommerce SEO के तरीके।

असल में Ecommerce SEO एक काफी बड़ा topic है इसलिए उसके सारे तरीके ना बताते हुए मैं आपको 3 तरीके बताता हूँ जो नीचे listed है:- 

प्रोडक्ट पेज टाइटल्स  (Product page titles):- Product Page Titles बहुत ज़रूरी होते है क्योंकि इनके ही ज़रिए आप अपने product को explain करते हो, अपना keyword डालते हो, click magnet words (cheap, afforadble) डालते हो ताकि Google के साथ साथ आप असली लोगो को भी अपनी तरफ खींच सकें।

प्रोडक्ट डिस्क्रिप्शन (Product description):- Product description से आप अपने product के बारे में अच्छे से समझाने के साथ साथ ज़्यादा keywords का इस्तेमाल करके Google और असली users को अपने product में बारे बता सकते हो! इससे Google ज़्यादा और सही लोगो तक आपका product दिखाता है।

स्ट्रक्चर डाटा  (Structure data):- Structure data से आप अपने product की look search engines में enhance कर सकते हो और अपने product पर CTR (click-through-rate) बढ़ा सकते हो।

Structure data से आप अपने product की rich snippet बना सकते हो जिससे आपको अपने competitors को beat करने में आसानी होगी। 

product review snippet

6. Content SEO क्या है? 

अपनी website में ऐसा content add करना जिससे search engines आपकी rankings बेहतर कर दें इसे ही Content SEO कहते है।

Content SEO में images, videos, files, podcasts, infographics आदि का इस्तेमाल करके online users को गहरी और सच्ची जानकारी दी जाती है।

इससे users तो site पर ज़्यादा देर रुकते ही है साथ ही उनका आपके brand के ऊपर भरोसा बढ़ने लगता है जिससे आपका conversion rate भी बढ़ता है।

जब users आपकी site पर ज़्यादा समय बिताते है तो Google इस चीज़ को track करता है और आपकी ranking improve करता चला जाता है।

Content SEO के तरीके।

Content SEO बहुत ज़रूरी होता है हर website के लिए ताकि वो अपने users का भरोसा जीत सके उन्हें सही और सच्ची जानकारी देकर।

जो 3 सबसे ज़रूरी तरीके है content seo में वो नीचे listed है:-

कीवर्ड रिसर्च (Keyword Research):- Keyword research के बिना अगर आप content बनाते है तो यकीन मानिये आपकी सारी कोशिशें बेकार हो सकती है।

जो सामग्री लोग ढूँढ रहे है अगर आप वही बनाते है तो ज़्यादा chances होते है की Google आपको बेहतर रैंकिंग देगा और ये सब समझने के लिए Google keyword की intent (इरादा) समझता है।

अगर आप keyword intent को समझ कर उसी तरह का content बनाते है जो user ढूँढ रहा है तो ज़रूर आपकी website पर traffic आएगा।

ऑब्सेर्वे कॉम्पिटिटर्स (Observe Competitors):- आपकी तरह आपके competitors भी keyword research करते हैं और content बनाते है इसलिए Google आपको तभी बेहतर ranking देगा जब आप उनसे ज़्यादा गहरा और बेहतर content piece बनाएंगे।

इसलिए अपने competitors के content को देख कर समझिये की वो क्यों rank कर रहे हैं और उनके content piece में क्या कमी है जिसे आप पूरा करके अपना नया content piece rank करा सकते है।

लिंक बिल्डिंग (Link building):- एक बेहतर content piece बनाने के बाद बात आती है लोगों तक उसे पहुंचाने की और SEO में अगर आप लोगों तक पहुँचना चाहते है तो उसका best तरीका है link building यानी अपनी website के लिए backlinks बनाना।

जैसे जैसे आप high-authority websites से backlinks लेंगे तो आपकी website की ranking भी तेज़ी से बेहतर होगी| Backlinks की वजह से Google का आपकी site पर भरोसा बढ़ता है जिससे वो आपको ज़्यादा लोगो को recommend करने लगता है।

7. Youtube SEO क्या है?

Youtube दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा search engine है और ये Google का ही product है।

अच्छी videos बनाके आप हज़ारों या लाखों लोगों को अपने business की तरफ attract कर सकते हो पर अपनी videos को रैंक कराने के लिए Youtube SEO ज़रूरी होता है।

अपने Youtube चैनल पर और videos में कुछ ऐसे बदलाव करना जिनसे आपकी videos ज़ादा लोगों तक जाए और rank हो जाएँ इसे ही Youtube SEO कहते है।

Youtube SEO के तरीके!  

Youtube SEO करने की बहुत तकनीकें है जिनसे आप ज़्यादा से ज़्यादा viewers तक पहुँच कर उन्हें ज़्यादा लम्बे समय तक अपनी videos देखने के लिए रोक सकते हो।

उन तरीकों में से कुछ तरीके नीचे दिए गए है:- 

कीवर्ड रिसर्च (Keyword Research):- Keyword Research किये बिना आपकी अच्छी video भी शायद rank ना कर पाए इसलिए Youtube keyword research बहुत ज़रूरी है।

चैनल टाइटल (Channel title):- जिस बारे में भी आपका Youtube channel हो उस से related keywords निकाल कर आपके channel के title में ज़रूर लिखें ताकि Youtube और users आपके channel को बेहतर समझ पाए।

चैनल डिस्क्रिप्शन  (Channel description):- आपके channel को और बेहतर describe करने के लिए आप अपने channel की description में भी keywords ज़रूर इस्तेमाल करिये इससे आपका चैनल youtube search में दिखने लगेगा।

वीडियो टाइटल  (Channel title):- हर video की keyword research करनी ज़रूरी है और जिस भी topic पर आपकी video है उसका main keyword अपने वीडियो के title में डालने से आपकी video search में तो आती ही है साथ ही अगर पूरी video पर लोग ज़्यादा time बिता रहे है तो वो video rank भी हो सकती है।

वीडियो डिस्क्रिप्शन (Channel description):- Youtube आपको descrption box देता है जिसमे आप 1000 characters तक इस्तेमाल कर सकते है और अपनी video को और अच्छे से explain कर सकते है।

1000 characters का मतलब है थोड़े और keywords डालने का मौका पर इसका ये मतलब नहीं आप पूरे description box में keywords ही भरदे।

वीडियो थंबनेल (Video Thumbnail):- अगर आपकी video पर CTR (click-through-rate) अच्छा है यानी लोग आपकी video का thumbnail देख कर आपकी video पर click करते है तो आपकी ranking बेहतर होने के chances भी ज़्यादा होते है।

इसलिए Youtube SEO में thumbnail का एक बड़ा role है इससे आपकी videos की ranking ऊपर या नीचे हो सकती है।

अपनी Video का thumbnail बनाने से पहले अपनी industry में और लोगो के thumbnail देखिये की किस प्रकार के thumbnail वाली videos चल रही है वो भी बिना लोगों के hate comments के।

8. Application का SEO क्या है या App Store Optimization (ASO) क्या है?

Google play store पर लाखों applications है और उन मे से कुछ apps आपने भी अपने mobile में install ज़रूर की होंगी।

हर application develop होने के बाद उसे play store पर ज़रूर डाला जाता है क्योंकि apps के लिए ये एक बड़ा marketing channel है।

Forrester के हिसाब से 63% apps सिर्फ play store से ही discover होती है यानी लोगो तक पहुँचती है यानी लाखों और करोड़ो लोग यहाँ से apps install करते है।

तो एक application बनाकर उसे play store पर डालकर उसे इस तरह से optimize करना कि वो उन keywords पर rank कर जाए जो आपके targeted customers किसी app को search करने के लिए play store में डालते है इसे ही कहते app store optimization है।

Image editor results in play store

अगर आपकी app ज़्यादा लोगों तक पहुँचेगी मतलब installs भी ज़्यादा होंगे और आप profit भी ज़्यादा बना पाएंगे।

पर app store optimization धीरे धीरे होने वाला process है जिसमे time लगता है इसमें ऐसा कुछ नहीं है कि आपकी app रातों रात rank हो जाए। 

App Store Optimization (ASO) या Application के SEO के तरीके!

अगर आप भी अपनी app की ranking बेहतर करना चाहते है तो आपको कुछ तरीके इस्तेमाल करने होंगे जिससे Google play store को आपकी app बाकियों से बेहतर लगे और वो आपकी app को rank करना शुरू कर दे।

तो वो तरीके ये है: 

  1. Keyword In Title

अपनी application के title में focus keyword ज़रूर डालना चाहिए जो आपके customers play store पर search कर रहे है क्योंकि ये सबसे ज़्यादा बड़ा factor होता है आपकी app को rank करने का। 

keyword एक ही बार डालें और sense making keyword डाले क्योंकि कुछ लोग अपनी app को rank करने के लिए senseless keywords दाल देते है जिनका कोई meaning नहीं निकलता।

ऐसे keywords को पढ़ के आपके users को वो app relevant नहीं लगती और उसका CTR (click-through-rate) घाट जाता है। 

CTR कम होने से आपकी app पर लोग कम click करेंगे और installs भी कम होंगे। 

  1. Keyword In App

अपनी application में भी आप अपने keywords का इस्तेमाल कर सकते है जिससे की play store समझ पाता है की आपकी app किस तरह के users के लिए है।

पर अपनी app को rank करने के लिए आपको बहुत सारे keywords stuff नहीं करने होते यानी भरने नहीं होते क्योंकि उससे वो app play store को spammy लग सकती है जिससे वो उसे आगे recommend करना कम या बंद कर सकता है।

  1. More Installs

कुछ लोग अपनी application में ऐसे features या offers देते है जिससे वो लोगो के बीच में चहेती बन जाती है और लोग खुद ही word-of-mouth-marketing से उसे viral कर देते है।

यानी अगर आप अपनी app में कुछ भी ऐसा offer देते है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोग उसे install करें तो app store में उसकी ranking बढ़ती जाती है।

अपनी app के installs बढ़ाने के लिए और उसे viral करने के लिए कुछ लोग उसमे cash earn करने के offers देते है जिससे लोग उनकी तरफ जल्दी attract होते है।

  1. More Reviews

अगर लोग आपकी app से खुश है और आप ये जानते है तो आप उनसे अपनी app पर review देने के लिए कह सकते है।

आपकी app पर जितने ज़्यादा और अच्छे reviews आएँगे उतनी rocket speed से play store में आपकी ranking improve होती चली जाएगी।

अपनी app के reviews बढ़ाने के लिए कुछ लोग अपनी app में popups लगाते है जो कि तब तक user की app में आता रहता है जब तक वो review नही दे देता।

  1. More Shares

ASO एक slow process है जिससे आपकी app लोगो तक जाती तो है पर शुरुवाती दिनों में ये काफी धीरे काम करता है और ऐसे में लोग अपनी app को ज़्यादा लोगो तक भेजने के लिए share का option ज़रूर देते है।

हर कोई आपकी app share नहीं करेगा तो marketers ने इसका इलाज भी निकाला और हर share या referral पर offers निकालने शुरू कर दिए।

ये तकनीक अभी भी काम करती है और लोग कुछ cash earn करने या fame के लिए offer के according अभी भी अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ app link share करके उन्हें install के लिए कहते है। 

  1. long Sessions

अपनी app पर users लाने के बाद सबसे मुश्किल काम होता है उन्हें app पर बनाए रखना। 

अगर आप अपने users को अपनी app पर ज़्यादा देर तक रोक पाते है तो इससे ज़्यादा लम्बे sessions बनते है जिससे play store को signal मिलता है कि लोग आपकी app पर ज़्यादा देर तक रुक रहे है और ये एक अच्छी app है।  

ऐसे में आपकी app की ranking बेहतर होने लगती है और आपके installs भी automatically बढ़ने लगते है। 

SEO vs SEM  

अपनी website या blog पर free traffic कौन नहीं चाहता और free traffic लाना possible भी है पर सिर्फ SEO से।

पर सबसे बड़ी परेशानी ये है की SEO बहुत time लेता है और अगर आपकी एक business website है तो आप SEO के भरोसे नहीं बैठ सकते।

इसलिए search engines ने इसका solution निकाला और SEM यानी search engine marketing का idea निकाला जिसमे आप search engine company को पैसे देते हो अपनी website कुछ keywords पर सबसे ऊपर दिखाने के लिए वो भी बिना SEO के।

पर एक business owner के रूप में क्या आपको अपनी website का SEO करवाना चाहिए या उसके लिए SEM (search engine marketing) करनी चाहिए?

इसका जवाब जानने के लिए ये video देखें।

क्या SEO dead हो गया? 

अगर आप भी SEO करते है या अपनी website के लिए SEO करवाते है तो हो सकता है आपने भी सुना हो कि SEO dead हो गया है।

इस बात का मतलब है कि अगर आप अब भी अपनी website का SEO करवाते है तो इसका आने वाले time में कोई फायदा नहीं होगा यानी इससे कोई traffic नहीं आएगा।

पर क्या ये बात सच है?

इसका जवाब है नहीं! SEO कभी भी dead नहीं हुआ था ना हुआ है और ना ही होगा पर हाँ इसे करने के तरीकों में बदलाव आता रहता है और आता रहेगा।

अगर आप उन नए तरीको को सीखना बंद कर देंगे तो आपको भी SEO से होने वाले फायदे मिलने बंद हो जाएंगे।

जो लोग black hat SEO करते थे और time के साथ नई techniques नहीं सीख पाए बस उन्हीं का कहना है कि SEO dead हो गया है।

SEO का live example देखने के लिए आप नीचे दी गयी video देखें

Black Hat SEO, White Hat SEO और Grey Hat SEO क्या है? 

Black Hat SEO क्या है? 

SEO की ऐसी तकनीकें जिनसे आप असली user को बिना अच्छा content दिए बस Google के SERP (search engine result page) पर अपनी रैंकिंग बेहतर करने की कोशिश करते हैं और जिन्हे Google की “terms and services” में illegal बताया गया है उन्हें black hat seo कहते है।

Black hat SEO की तकनीकों में पूरा ध्यान search engines में अच्छी ranking लाने पर दिया जाता है जो की गलत है।

White Hat SEO क्या है? 

वो SEO की तकनीकें जो Google की terms and services में सही है और जिनमे search engines से ज़ादा असली लोगो को valuable content देने की कोशिश रहती है उसे White Hat SEO कहते है।

White Hat SEO का पूरा मकसद असली online users को अपनी website पर best experience और best content देना होता है।

Grey Hat SEO क्या है? 

ऐसी SEO तकनीकें जो अभी Google या दूसरे search engines की guidelines के हिसाब से अभी तक define नहीं हुई है की वो black hat में आएंगी या white hat में, इसे ही Grey Hat SEO कहते है।

Grey Hat की तकनीकों का इस्तेमाल करना भी खतरे से खाली नहीं है क्योंकि अगर future में उन्हें Google black hat घोषित कर देता है और आपने अपनी website पर वो तरीके आज़माये होंगे तो आपकी website search engines से penalize हो सकती है यानी search engines में ब्लॉक हो सकती है।

SEO के लिए आखिरी शब्द!

अगर आप online business करना चाहते हैं तो SEO के बिना आप अपने competitors को नहीं हरा सकते और ना ही लम्बे समय तक अपनी website पर free targeted traffic ला सकते।

इसलिए अपनी website, channel किसी का भी SEO ज़रूर करें या करवाएं साथ ही सबर रखें क्योंकि SEO के results दिखने में आराम से 1 साल लग ही जाता है।

मै उम्मीद करता हूँ SEO के बारे में जुड़े काफी सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे और बाकी जवाब आपको इस website पर मिलते ही रहेंगे तो जल्द मिलेंगे।

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